अपराध की समाप्ति निम्न क्रियाओं से –
1. प्रतिक्रमण
2. प्रत्याख्यान
3. प्रायश्चित
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने अपराध की समाप्ति के लिए क़ियायें बताई गई हैं वह पूर्ण सत्य है। अतः अपने छोटे अपराध को समाप्त करने के लिए प़तिक़मण, प़त्याख्यान एवं प़ायश्चित करना परम आवश्यक है।
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने अपराध की समाप्ति के लिए क़ियायें बताई गई हैं वह पूर्ण सत्य है। अतः अपने छोटे अपराध को समाप्त करने के लिए प़तिक़मण, प़त्याख्यान एवं प़ायश्चित करना परम आवश्यक है।