अभिशाप
अपनों का अभिशाप बहुत बड़ा,
पर अपना अभिशाप सबसे बड़ा –
इंद्रियों/धन/बल के दुरुपयोग से मिलता है ये अभिशाप
मुनि श्री सुधासागर जी
अपनों का अभिशाप बहुत बड़ा,
पर अपना अभिशाप सबसे बड़ा –
इंद्रियों/धन/बल के दुरुपयोग से मिलता है ये अभिशाप
मुनि श्री सुधासागर जी