जो अपने को आत्मा नहीं मानता, उसे दूसरे भी आत्मा नहीं मानते जैसे पृथ्वीकायादि असंज्ञी जीवों को।
आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी (6 नवम्बर)
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने आत्मा को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए आत्मा को जानकर ही आगे बढने का प़यास करना परम आवश्यक है।
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने आत्मा को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए आत्मा को जानकर ही आगे बढने का प़यास करना परम आवश्यक है।