कमला बाई जी के 92 वर्षीय पति ने विधान (बड़ी पूजा) पूरा किया।
उनसे पूछा….
क्या फल मिला ?
आप और बाई जी का शारीरिक कष्ट तो कम हुआ नहीं ??
फल तो कर्मों से ही मिलता है। पूजादि से तो आनंद मिलता है। कष्ट सहने की शक्ति आती है।
श्री दीनानाथजी (पति कमलाबाई जी)
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आनन्द के लिए जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! उपरोक्त कथन सत्य है आनंद जीवन में क्षणिक रहता है, लेकिन फल तो कर्मों से ही मिलता है! अतः जीवन को पुर्ण आनंद मनाने के लिए अपने पूर्व व वर्तमान के कर्मों को समाप्त करना परम आवश्यक है!
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आनन्द के लिए जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! उपरोक्त कथन सत्य है आनंद जीवन में क्षणिक रहता है, लेकिन फल तो कर्मों से ही मिलता है! अतः जीवन को पुर्ण आनंद मनाने के लिए अपने पूर्व व वर्तमान के कर्मों को समाप्त करना परम आवश्यक है!