भरत क्षेत्र के तीर्थंकरों का जन्माभिषेक सौधर्म इन्द्र, ऐरावत का ईशान, विदेह पूर्व व पश्चिम के सानत्कुमार व माहेन्द्र स्वर्ग के इन्द्र respectively, करते हैं।
ऐलक श्री विवेकानन्द सागर जी
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इन्द़, जन्माभिषेक को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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