अपने में ईश्वर को देखना…. ध्यान है,
दूसरों में ईश्वर को देखना…….प्रेम,
सबमें ईश्वर को देखना………ज्ञान है।
(श्रीमति शर्मा)
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2 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि अपने में ईश्वर को देखना ध्यान है, दूसरों में ईश्वर देखना प़ेम है, सबमें ईश्वर को देखना ज्ञान है! अतः जीवन के कल्याण के लिए प़तेक जीव में आत्मा , यानी ईश्वर देखना परम आवश्यक है!
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उपरोक्त कथन सत्य है कि अपने में ईश्वर को देखना ध्यान है, दूसरों में ईश्वर देखना प़ेम है, सबमें ईश्वर को देखना ज्ञान है! अतः जीवन के कल्याण के लिए प़तेक जीव में आत्मा , यानी ईश्वर देखना परम आवश्यक है!
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