उत्तम आर्जव धर्म

    • उत्तम आर्जव धर्म मतलब मायाचारी का उल्टा यानि सरलता ।
    • नाटक में ना अटक यानि अपने जीवन को नाटक का रंगमंच मत बना लो,
      करना कुछ, बोलना कुछ ।
    • इस मायचारी से बचने के लिये क्या सोचें ?
      अपने को मिट्टी का खिलौना मानो, ऐसे ही दूसरे सब प्राणी मिट्टी के खिलौने हैं,
      सब मिटने वाले हैं, खिलौने का खेल थोड़े समय के लिए ही चलता है,
      इस थोड़े समय के लिये हम अपनी दुर्गति क्यों करें, इस जन्म में और अगले जन्म में भी ।
    • बचने का उपाय – सुनें गुरुजनों की, उसे समझें और अपने को संभालें ।

मुनि श्री विश्रुतसागर जी

  • धोखा देने में आप कामयाब इसीलिये हुये क्योंकि सामने वाले ने आप पर भरोसा किया था,
    यानि इसीलिये नहीं की आप ज्यादा होशियार थे ।

ब्र. नीलेश भैया

    • गिरगिट तो वातावरण के अनुसार रंग बदलता है पर मनुष्य एक ही वातावरण में 6 रूप बदलता है,
      उसके गंदी से गंदी और अच्छी से अच्छी 6 लेश्यायें (भावनायें) होती हैं ।

चिंतन

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4 Responses

  1. Jis vyakti ne yah manjoor kar liya ki mera achchha-bura mere apne punya-paap K anusaar hota hai, uske MAYACHAAR karne ka prayojan hee nahi raha. ADHYAATMAYOGI RAM. (By Babulal Jain).

  2. Paryunshan mein mujhe yeh hi sabse accha lagta hain ki yeh dusro ko nehi hume apne aapko change karne ki shiksha deta hain…gr8 parva yadi hum inhe jeevan mein utarne ki kosish kare to life will be very beautiful..

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