उत्तम संयम-धर्म
संयम से अतीत का प्रक्षालन, भविष्य में पुरानी गलतियाँ ना दोहराने का संकल्प तथा वर्तमान की शुद्धि होती है।
संयम सहित ज्ञान, आम का पेड़ है जो छाया तथा फल दोनों देता है।
असंयम सहित ज्ञान, बबूल का पेड़ जो छाया के साथ कांटे भी देता है।
मुनि श्री मंगल सागर जी