एकत्व

आइने के सौ टुकड़े करके मैंने देखे हैं।
एक में भी अकेला था, सौ में भी अकेला।

मुनि श्री महासागर जी

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One Response

  1. एकत्व का तात्पर्य मैं अकेला हूं, मैं ही सब कुछ हूं। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि आईने के 100 टुकड़े करके हमने देखे हैं, जिसमें एक में भी अकेला था , जबकि 100 में भी अकेला। अतः एकत्व की भावना भाना चाहिए ताकि पर से दूर रह सकते हैं एवं अपना कल्याण करने में समर्थ हो सकते हैं।

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