कर्ता / उपादान / निमित्त
क्रोध आया, इसमें कर्ता आदि को कैसे घटित करें ?
क्रोध करती है आत्मा, निमित्त है कर्म, साधन – अपशब्द कहने वाला ।
कर्ता दो तरह के…
उपादान-कर्ता आत्मा, निमित्त-कर्ता कर्म तथा अपशब्द कहने वाला ।
उपादान-कर्ता… स्वयं तदरूप परिणमित होना,
जैसे मिट्टी का घड़ा रूप ।
2) आत्मा के कषाय रूप भावों में परिणमन ।
पं रतनलाल बैनाड़ा जी
One Response
यह कथन सत्य है कि कर्ता आत्मा होती है लेकिन निमित्त कर्म होते हैं और उपादान किसी कार्य के होने में उस कार्य रुप परिमणन करता है। अतः क़ोध आत्मा करती है क्योंकि निमित्त कर्म होते हैं लेकिन उपादान कार्य रुप परिमणन करता है,आत्मा कषाय भावों में परिमणन होती रहती है।