भगवान के कर्तापने को नकारने से क्या हमने भगवान की भगवत्ता को नकार दिया है ? नहीं, हमने तो भगवान के कर्तापने को ही नकारा है । सब तो निमित्त हैं, होता तो जीव के अपने कर्मानुसार है ।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
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