कर्ता
“जो-जो देखी वीतराग ने सो-सो होती वीरा रे”
इससे तो भगवान कर्ता हो जायेंगे जैसा अन्य दर्शन मानते हैं →
“होवे वही जो राम रच राखा”
सम्यक् कथन यह है →
जो-जो हो रहा है वह-वह भगवान देख रहे हैं। 6 द्रव्य हैं, इसलिये भगवान ने कहे हैं, भगवान ने कहे हैं इसलिये 6 द्रव्य नहीं हैं।
भगवान कर्ता नहीं, दृष्टा है।
मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने कर्ता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! उपरोक्त कथन सत्य है कि भगवान किसी के कर्ता नहीं होते हैं, बल्कि कर्मों के आधार पर बल मिलता है, अतः जीवन में भगवान की वाणी पर विश्वास करके अच्छे कर्मों के लिए पुरुषार्थ भी आवश्यक है, ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
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