कर्म

इहभव और परभव के कल्याण के लिये….
कर्म-फल की परवाह करना,
(जैसे ये करने का क्या फल होगा,
ये ना करने का क्या फल होगा)
कर्मसिद्धांत की परवाह करना है ।

Share this on...

One Response

  1. कर्मसिद्धांत पर जो आस्था रखते हैं, वही अच्छे बुरे कामों का मूल्यांकन कर सकते हैैं​ और उसका फल प्राप्त करते हैं ।
    कर्म इस भव एवम् पर भव के कल्याण के लिए होते हैं । आजकल, लोग भाग्य की बात करते हैं लेकिन भाग्य उनके कर्म पर ही आधारित होंगे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

June 11, 2017

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930