श्री समयसार जी के अनुसार “प्रज्ञापराध” (उपयोग + अपराध) से ही (पाप) कर्म बंध होते हैं।
जैसे हीरा देखा, हड़पने के भाव आये, डॉक्टर की दृष्टि सेवा की जगह फ़ीस पर, प्राकृतिक नियमावली के विरुद्ध जाना जैसे गायों को मांस खिलाना, फल >> Mad Cow Disease.
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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4 Responses
आचार्य श्री विधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि कर्म बंध के लिए अच्छे कर्म करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है! अच्छे कर्म के लिए धर्म से जुडना परम आवश्यक है!
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आचार्य श्री विधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि कर्म बंध के लिए अच्छे कर्म करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है! अच्छे कर्म के लिए धर्म से जुडना परम आवश्यक है!
‘उपयोग + अपराध’ ka meaning clarify karenge,
please ?
उपयोग तो हुआ…हीरा,
अपराध…हडपने का भाव।
दोनों के होने पर ही तो कर्मबंध होगा न !
Okay.