कारण / कार्य
साधक-कारण पूरे होने पर भी जरूरी नहीं कि कार्य पूर्ण हो ही जैसे घड़े बनाने के सारे कारण पूर्ण होने पर भी यदि बरसात (बाधक-कारण) आ जाये तो सफलता नहीं।
मुनि श्री अरुणसागर जी
साधक-कारण पूरे होने पर भी जरूरी नहीं कि कार्य पूर्ण हो ही जैसे घड़े बनाने के सारे कारण पूर्ण होने पर भी यदि बरसात (बाधक-कारण) आ जाये तो सफलता नहीं।
मुनि श्री अरुणसागर जी
One Response
मुनि श्री अरुणसागर महाराज जी ने कारण एवं कार्य की परिभाषा की गई है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में कार्य करने पर सफलता नहीं मिलती है तो किसी भी कारण निराश नहीं होना चाहिए अतः उसका कारण का निवारण करने पर सफलता मिल सकती थी!