चक्रवर्ती भरत ने चक्र की पूजा की, ऐसे ही कार पूजा भी कर सकते हैं – मंदिर में अभिषेक पूजन करके कार पर अक्षत डालें, उसी चंदन से स्वास्तिक बनायें और भावना भायें कि इससे किसी को नुकसान ना हो।
मुनि श्री सुधासागर जी
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पूजा तो पंचपरमेष्टी के गुणगान को आत्म सात करना है। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं का नुक्सान हो तब अभिषेक करके उसका प़क्षाल लेकर उसके ऊपर छिडकते हैं साथ में चंदन से स्वास्तिक लगा कर और शुभ लाभ लिखते हैं जो मंगल भावना होती है जिससे उसका नुक्सान नहीं हो सके।
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पूजा तो पंचपरमेष्टी के गुणगान को आत्म सात करना है। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं का नुक्सान हो तब अभिषेक करके उसका प़क्षाल लेकर उसके ऊपर छिडकते हैं साथ में चंदन से स्वास्तिक लगा कर और शुभ लाभ लिखते हैं जो मंगल भावना होती है जिससे उसका नुक्सान नहीं हो सके।