ख़ुशी पैसों पर नहीं,
परिस्थितियों पर निर्भर करती है…
एक बच्चा गुब्बारा ख़रीद कर ख़ुश था,
तो दूसरा उसे बेच कर,
तीसरा उसे फोड़कर ।
(मंजू)
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उपरोक्त कथन सत्य है कि खुशी पैसों नहीं मिलती है। जीवन में खुशियां तभी मिल सकतीं हैं जब प़ाप्त को प्रर्याप्त समझने लगे यदि ऐसा नहीं करता है तो हमेशा दुःखी होता रहेगा।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि खुशी पैसों नहीं मिलती है। जीवन में खुशियां तभी मिल सकतीं हैं जब प़ाप्त को प्रर्याप्त समझने लगे यदि ऐसा नहीं करता है तो हमेशा दुःखी होता रहेगा।