ख्व़ाहिशों का राजपथ बहुत बड़ा और भीड़-भाड़ वाला होता है,
बेहतर यही है की हम,
ज़रूरतों की छोटी-छोटी गलीयों में मुड़ जाएँ !
🌹🌹 नीलम 💐💐
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आजकल मनुष्यों की ख्वाहिशें राजपथ की तरह और भीड वाला होने लगी हैं जिसके कारण भूल भुलईयां में पूर्ण नहीं होती हैं और जीवन में हताश हो जाता है। उचित होगा कि अपनी जरुरतें इतनी रखना चाहिए जो छोटी छोटी गलियों की तरह होना चाहिए जिससे अपनी जरुरतों को पूर्ण कर सकें जिससे जीवन आनन्द मय हो सकता है। अतः जीवन में जरुरतों को सीमित रखना चाहिए जिससे उनको पूर्ण कर सकते हो।
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आजकल मनुष्यों की ख्वाहिशें राजपथ की तरह और भीड वाला होने लगी हैं जिसके कारण भूल भुलईयां में पूर्ण नहीं होती हैं और जीवन में हताश हो जाता है। उचित होगा कि अपनी जरुरतें इतनी रखना चाहिए जो छोटी छोटी गलियों की तरह होना चाहिए जिससे अपनी जरुरतों को पूर्ण कर सकें जिससे जीवन आनन्द मय हो सकता है। अतः जीवन में जरुरतों को सीमित रखना चाहिए जिससे उनको पूर्ण कर सकते हो।