गुण ग्राहिता
भगवान के अनंत गुणों में से उस गुण की चाह करें जो हमारी कमजोरी हो।
आज तक बस गुणगान करते रहे, इसलिए भगवान का कोई गुण हम में आ नहीं पाया।
निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी
भगवान के अनंत गुणों में से उस गुण की चाह करें जो हमारी कमजोरी हो।
आज तक बस गुणगान करते रहे, इसलिए भगवान का कोई गुण हम में आ नहीं पाया।
निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी
One Response
मुनि श्री वीरसागर महाराज जी ने गुण ग़ाहिता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। आजकल ज्यादातर लोग भगवान् के गुणगान करते हैं लेकिन जीवन में गुणों को ग़हण नहीं करते हैं, अतः जीवन के कल्याण के लिए गुणों को ग़हण करना परम आवश्यक है।