चौथे काल में जघन्य अवगाहना 7 हाथ या साढ़े तीन हाथ ?
जघन्य अवगाहना तो 7 हाथ ही पर साढ़े तीन हाथ 8 वर्ष की आयु पर होगी, इस अपेक्षा से कहा है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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4 Responses
अवगाहन का तात्पर्य सभी द़व्यो को आकाश में स्थान रहता है। इसमें शरीर की लम्बाई एवं ऊंचाई को कहते हैं जो आत्मप़देश में व्याप्त रहे हैं।यह दो प़कार की होती है,जघन्य एवं उत्कृष्ट। जघन्य 3.5हाथ एवं उत्कृष्ट 525 धनुष।
अतः मुनि महाराज जी ने उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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अवगाहन का तात्पर्य सभी द़व्यो को आकाश में स्थान रहता है। इसमें शरीर की लम्बाई एवं ऊंचाई को कहते हैं जो आत्मप़देश में व्याप्त रहे हैं।यह दो प़कार की होती है,जघन्य एवं उत्कृष्ट। जघन्य 3.5हाथ एवं उत्कृष्ट 525 धनुष।
अतः मुनि महाराज जी ने उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
That means , donon (7 हाथ aur साढ़े तीन हाथ) sahi hai ?
दोनों सही है।
Okay.