जातिस्मरण/देवऋद्धि

जातिस्मरण देवों में पैदा होते ही अन्तर्मुहूर्त में होता है ।
अवधिज्ञान तथा देवऋद्धि-दर्शन पैदा होने के अन्तर्मुहूर्त बाद होता है ।

जिनभाषित – 6/10

(जातिस्मरण में अच्छे बुरे का भी ज्ञान होता है इसलिये यह सम्यग्दर्शन का निमित्त हो सकता है । पर अवधिज्ञान Search Light है, सिर्फ घटनाओं को दिखाती हैं, इसमें अच्छे बुरे का ज्ञान नहीं होता इसलिये सम्यग्दर्शन में निमित्त नहीं कहा है )

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