जीवन-पथ

हमें भी सीखना होगा, संभलकर चलना,
ज़िंदगी के रास्ते समतल नहीं होंगे ।
अपने सवाल दूसरों से हल नहीं होंगे ।।

(श्रीमति शशि)

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One Response

  1. मेले में भटके होते तो कोई घर पहुँचा जाता
    हम घर में भटके हैं कैसे ठौर ठिकाने आएंगे.

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