तकिया/मनुष्य/आत्मा

  • तकिया : अच्छा वह माना जाता है जो मुलायम हो और मालिक के अनुसार अपना अस्तित्व बदल दे/अपना आकार बदल ले।
  • मनुष्य : अच्छे बुरे का ध्यान रखकर ही अपने को बदले, तकिये की तरह नहीं।
    ज़रूरत पड़ने पर कभी मुलायम, कभी कठोर बने।
  • आत्मा : जब तक संसार में है, शरीर के अनुसार अपना आकार बदलती है,
    मुक्त होने के बाद आकार बदलना बंद हो जाता है।

चिंतन

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