जिस जगह श्रद्धा होगी उधर तर्क वितर्क करना नहीं चाहिये। जो लोग भगवान् पर श्रद्धा नहीं करते हैं वही लोग तर्क करते रहते हैं और जीवन को बर्बाद करते हैं। Reply
Senses दिखते नहीं फिर भी उनके existence को मानते हो, पर इसी तर्क से भगवान के existence को ना मानना nonsense नहीं है ! शब्दों की सुंदरता/तुकबंदी भी है । Reply
3 Responses
जिस जगह श्रद्धा होगी उधर तर्क वितर्क करना नहीं चाहिये। जो लोग भगवान् पर श्रद्धा नहीं करते हैं वही लोग तर्क करते रहते हैं और जीवन को बर्बाद करते हैं।
What do we mean by, “तो क्या आप Non-Sense हो ??”, please?
Senses दिखते नहीं फिर भी उनके existence को मानते हो,
पर इसी तर्क से भगवान के existence को ना मानना nonsense नहीं है !
शब्दों की सुंदरता/तुकबंदी भी है ।