ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी,
फर्क रंगों का है ।
मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर,
और
अनजाने रंगों से बने तो तकदीर ।
(सुरेश)
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उपरोक्त कथन सत्य है कि ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी, लेकिन इसमें फर्क रंगों का है। मनचाहे रंगों से तस्वीर बन जाती हैं लेकिन तकदीर के लिए पुरुषार्थ करना पड़ता है, ताकि तकदीर या भाग्य जीवन को सुधार सकता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी, लेकिन इसमें फर्क रंगों का है। मनचाहे रंगों से तस्वीर बन जाती हैं लेकिन तकदीर के लिए पुरुषार्थ करना पड़ता है, ताकि तकदीर या भाग्य जीवन को सुधार सकता है।