कांटे

कांटों का भी अपना महत्त्व होता है।
यदि वे न होते तो हम कितने कीड़े मकोड़ों को कुचलते चले जाते तथा फूल भी सुरक्षित न रह पाते।

हमारे निंदक भी तो हमारे लिए कांटे के रूप हैं। अगर वे न होते तो कितने कर्म कटने से रह जाते, हम अपनी आत्मा को कुचलते हुए चले गए होते और हमारे गुण सुरक्षित/ विकसित ना हो पाते।

चिंतन

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One Response

  1. चिंतन में काॅटे का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए काॅटे का महत्व समझना आवश्यक है।

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