1. देशावधि की जघन्य सीमा – मनुष्य/ तिर्यंचों/ नारकियों में- 1 कोस, देवों में – 25 योजन। 2. उत्कृष्ट, महाव्रतियों की (लोकाकाश)।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकाण्ड गाथा- 373)
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने देशावधि का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने देशावधि का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।