धर्म के लिए समय निकालने/ न निकालने की बात ही क्यों उठती है !
सम्यक् श्रद्धा का अंदर बना रहना ही धर्म है।
हाँ! गलत राह पर जाना अधर्म है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (शंका समाधान– 34)
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने धर्म के लिए समय का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए धर्म पर श्रद्वान करना परम आवश्यक है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने धर्म के लिए समय का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए धर्म पर श्रद्वान करना परम आवश्यक है।