धर्म व्युच्छुत्ति
आदिनाथ से लेकर चंद्रप्रभु तक धर्म निरंतर चला, बाद में शांतिनाथ तक धर्म व्युच्छुत्त रहा, उसके बाद महावीर भगवान तक निरंतरता रही ।
(उषा जी)
(शुरु के तथा अंत के भगवानों के समय में व्युच्छुत्ति नहीं हुई।
हालाँकि शुरू के भगवानों के बीच में अंतराल बहुत ज्यादा था पर व्यक्तियों में सरलता बहुत थी।
अंत के समयों में सरलता तो नहीं थी पर भगवानों के बीच में अंतराल बहुत कम हो गया था)
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यह कथन भी सत्य है कि भगवान् आदिनाथ से लेकर चंद़पुभ तक धर्म चलता रहा है लेकिन शांतिनाथ भगवान् तक धर्म व्युच्छुत्त रहा था।लेकिन शांतिनाथ भगवान् से लेकर भगवान् महावीर तक धर्म में निरंतरता रही है।यह सब आगम मे उल्लेख से मिलता है।