नज़दीकियां

जो हमारे करीब हैं और रोज का मिलना जुलना है, उन्हें हमसे शिकायत बहुत हैं ,
जो हमसे दूर हैं और कभी कभी मिलना होता है, उन्हें हमसे कोई शिकायत नहीं ।

सो नज़दीकियों से अब हमें ड़र लगता है !!

(धर्मेंद्र )

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