निगोद

अनित्य/इतर/चतुर्गति निगोद-    अन्य पर्यायों में जन्म लेकर पुन: निगोद में जाते हैं (जैसे हम लोग) ।
अनित्य/अनादि-सान्त निगोद-   अभी वे जीव निगोद में हैं, पर अन्य पर्यायों में जन्म धारण करेंगे ।
नित्य/अनादि अनंत निगोद –   आज तक निगोद से नहीं निकले हैं और आगे भी नहीं निकलेंगे ।

जिज्ञासा समाधान पेज 65

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