निजप्रकाश
“निजप्रकाश” क्या किसी प्रकाशन में कभी दिखा ?
पर ढूंढते हैं – मंदिर, माला, ग्रंथों में।
जहाँ देखन हारा है/ जानन हारा है, वहाँ नहीं ढूंढते !
मुनि श्री समयसागर जी
“निजप्रकाश” क्या किसी प्रकाशन में कभी दिखा ?
पर ढूंढते हैं – मंदिर, माला, ग्रंथों में।
जहाँ देखन हारा है/ जानन हारा है, वहाँ नहीं ढूंढते !
मुनि श्री समयसागर जी
6 Responses
मुनि श्री समयसागर महाराज जी का निजप़काश का कथन सत्य है! अतः जीवन में जहाँ देखना है उधर नहीं देखें ! निजप़काश को देखना है तो अपनी आत्मा के स्वरुप का जानना परम आवश्यक है!
‘देखन हारा है/ जानन हारा’ ka kya meaning hai,
please ?
देखना/ जानना किसका स्वभाव है ?
‘Aatma’ ka ?
सही।
Okay.