दीपक में घी बाती होते हुये भी बिना माचिस के प्रकाशित नहीं।
प्रारम्भिक सम्यग्दर्शन गुरु के बिना नहीं, अंतिम सम्यग्दर्शन (क्षायिक) केवली पादमूल के बिना नहीं।
मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि दीपक में घी, बाती होते हुए भी बिना माचिस के प़काशित नहीं हो सकता है! अतः उक्त कथन भी सत्य है कि प़ारम्भिक सम्यग्दर्शन गुरु के बिना नहीं हो सकता है! अतः जीवन में गुरुओं को साथ में रखना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि दीपक में घी, बाती होते हुए भी बिना माचिस के प़काशित नहीं हो सकता है! अतः उक्त कथन भी सत्य है कि प़ारम्भिक सम्यग्दर्शन गुरु के बिना नहीं हो सकता है! अतः जीवन में गुरुओं को साथ में रखना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!