निमित्त

सूर्योदय में पूर्व दिशा, निमित्त मात्र है ।

श्री आदि पुराण

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  1. निमित्त—जो कार्य करने में सहयोग हो या जिससे बिना कार्य न हो सके, उसे कहते हैं। कुछ निमित्त धर्म-द़व्य,कुछ गुरु आदि के समान प्रेरक भी होते हैं। उचित निमित्त के होने से तदानुसार कार्य होता हैं। अतः सूर्योदय में पूर्व दिशा उचित निमित्त होता हैं।

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