असंख्यात गुणी निर्जरा के 10-11 स्थान हैं –
सम्यक्त्व(4थे गुणस्थान) के समय से लेकर 13 गुणस्थान तथा केवली समुद्घात तक।
14वें गुणस्थान में तो 85 प्रकृतियों का क्षय होता है, उसे क्यों नहीं लिया ?
निधि
14वें गुणस्थान में तो पूर्ण-अभाव कहा है।
मुनि श्री प्रणम्य सागर जी
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6 Responses
असंख्यात गुणी निर्जरा के 11 स्थान hue? 10-11 kyun
kaha ?
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असंख्यात गुणी निर्जरा के 11 स्थान hue? 10-11 kyun
kaha ?
एक मतानुसार केवली समुद्घात चूंकि 13 गुणस्थान में होता है सो दोनों को एक गिना।
Okay.
असंख्यात गुणी निर्जरा के 11 स्थान kaise hue ?
13वें गुणस्थान में दूसरा मत है कि पहला स्थान केवलीसमुद्घात से पहले तथा दूसरा स्थान केवलीसमुद्घात के दौरान।
My doubt is clarified now.