परिग्रह
5 पाप बीमारियां हैं। 4 (हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील) के तो लक्षण दिखते हैं/ इलाज सम्भव है, पर परिग्रह के लक्षण अंतरंग हैं, बाहर से कोई इलाज नहीं कर सकता।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
5 पाप बीमारियां हैं। 4 (हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील) के तो लक्षण दिखते हैं/ इलाज सम्भव है, पर परिग्रह के लक्षण अंतरंग हैं, बाहर से कोई इलाज नहीं कर सकता।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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One Response
मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी को परिग्रह को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए परिग्रह को छोडना परम आवश्यक है।