पर्याय कथंचित् नित्य भी

द्रव्यों के विशेष गुणों का नाश न होने से पर्याय कथंचित् नित्य भी।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 5/4)

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4 Responses

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने पर्याय कथंचित नित्य भी को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।

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