पर्युषण…उत्तम क्षमा धर्म
क्षमा दो प्रकार से ….
1) नया क्रोध नहीं करना।
2) पुराने बैरों को समाप्त करके।
कैसे ?
पूर्व समय/ जन्म में किये गए अपने कृत्यों को विचार करके।
किसी पुस्तक के बीच के एक पन्ने को पढ़ कर सही निर्णय नहीं हो सकता है।
ब्र.डॉ. नीलेश भैया
One Response
पर्यूषण उत्तम क्षमा का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः उचित होगा कि जब भी क़ोध आता है तो कोशिश करें कि न आ पाये, यदि आ जाता है तो तत्काल क्षमा मांगना आवश्यक है, वर्ना कलह, एवं द्वैष में बदलाव होता है। उत्तम क्षमा।