पुण्य
वैभव और सफलता, मेहनत और ज्ञान से ही नहीं मिलती,
वरना मज़दूर और पंड़ितों के पास होतीं ।
इनके मिलने का मुख्य कारण है – पुण्य
मुनि श्री तरुणसागर जी
( ये अलग बात है कि आज का पुण्य, पिछ्ले पुरूषार्थ का ही फल है )
वैभव और सफलता, मेहनत और ज्ञान से ही नहीं मिलती,
वरना मज़दूर और पंड़ितों के पास होतीं ।
इनके मिलने का मुख्य कारण है – पुण्य
मुनि श्री तरुणसागर जी
( ये अलग बात है कि आज का पुण्य, पिछ्ले पुरूषार्थ का ही फल है )
2 Responses
So
say–
Hari Bol.
Good thought.