श्री मोक्षमार्ग प्रकाशक के अनुसार पुरुषार्थ से ही काललब्धि आती है। जैसे सम्यग्दर्शन तभी जब कर्मों की स्थिति अंत:कोड़ाकोड़ी सागर की रह जाती है तो यह स्थिति पुरुषार्थ से ही तो आयेगी।
श्री कार्तिकायनुप्रेक्षा में उदाहरण…किसान बीज बोता है, फसल पुरुषार्थ से ही।
कमलाबाई जी
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पुरूषार्थ एवं काललब्धि का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! जीवन में मोक्षमार्ग हो या काललब्धि हो बिना पुरुषार्थ नहीं मिल सकता है! जीवन में लौकिक क्षेत्र हो परमार्थ का कार्य हो सबके लिए पुरुषार्थ करना अनिवार्य है! अतः बिना पुरुषार्थ जीवन का कोई महत्व नहीं है!
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पुरूषार्थ एवं काललब्धि का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! जीवन में मोक्षमार्ग हो या काललब्धि हो बिना पुरुषार्थ नहीं मिल सकता है! जीवन में लौकिक क्षेत्र हो परमार्थ का कार्य हो सबके लिए पुरुषार्थ करना अनिवार्य है! अतः बिना पुरुषार्थ जीवन का कोई महत्व नहीं है!