प्रगति

ऊपर उठने/ ऊँचे आकाश में स्थापित होने के लिये राकेट को नीचे के भागों को छोड़ना पड़ता है।
लोगों की तथा अपनी नज़र में उठने के लिये आलोचनाओं को नज़रअंदाज़ करना होगा।

उज्वल पाटनी

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One Response

  1. निंदा को मल मानिए,
    इसका करिए त्याग।
    निज सुधार के लेकिन,
    मन में रखिए भाव।।

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