6 द्रव्यों और 9 पदार्थों के स्वरूप के विचारने से हुये परिणामों से, सब कर्मों की उत्कृष्ट स्थिति कम होकर अन्त:कोड़ाकोड़ी सागर तथा अप्रशस्त कर्मों के उत्कृष्ट अनुभाग को घात करके द्विस्थानीय अनुभाग में आने को प्रायोग्य लब्धि कहते हैं ।
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