प्रेरणा
अंकित जैन आगरा के अस्पताल में वेंटीलेटर पर थे। अस्पताल में ऑक्सीजन समाप्त हो रही थी।
अंकित के आग्रह पर मुनि श्री प्रमाणसागर जी का सम्बोधन रिकार्ड करवा के सुनाया गया।
ऑक्सीजन समाप्त होने पर भी अंकित सहज रहे।
उनके लिये ऑक्सीजन सिलेन्डर दिल्ली से भेजा गया पर तब तक अंकित उस स्थिति से बाहर आ चुके थे, उनने सिलेन्डर का भी प्रयोग नहीं किया, अन्य मरीजों को दे दिया।
(अंजू – कोटा)
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प्रेरणा का मतलब उत्साहित हो जाना होता है। अतः मुनि श्री प़माण सागर महाराज जी का कथन सत्य है कि उनकी प्रेरणा से मरीज़ की तबीयत में सुधार हुआ है। अतः जीवन में गुरुओं एवं सच्चे मित्र एवं महान पुरुषों से प्रेरणा लेते रहना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।