मालिक ने कर्मचारी को मारा, कर्मचारी ने घर पहुँच कर बच्चे को, बच्चे ने कुत्ते को मारकर घर से निकाल दिया, कुत्ते ने राहगीर को काट लिया ।
वह राहगीर और कोई नहीं पहले वाला मालिक था ।
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कर्म का मतलब जीव मन वचन काय के द्वारा प़तिक्षण कुछ न कुछ करता है वह सब क़िया या कर्म है,कर्म के द्वारा जीव परतंत्र होता है और संसार में भटकता है।जीवन में जैसा कर्म करता है उसका फल तत्काल या भविष्य में अवश्य मिलता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि जिस मालिक ने कर्मचारी को मारा था,उसका ही फल कि कुत्ते ने मालिक को ही काट लिया था।
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कर्म का मतलब जीव मन वचन काय के द्वारा प़तिक्षण कुछ न कुछ करता है वह सब क़िया या कर्म है,कर्म के द्वारा जीव परतंत्र होता है और संसार में भटकता है।जीवन में जैसा कर्म करता है उसका फल तत्काल या भविष्य में अवश्य मिलता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि जिस मालिक ने कर्मचारी को मारा था,उसका ही फल कि कुत्ते ने मालिक को ही काट लिया था।