बिम्ब / प्रतिबिम्ब
तीर्थयात्रा से लौटने पर कहा गया… आपके जाने से सूना हो गया था।
भगवान के जाने पर मंदिर सूने नहीं हुए। क्योंकि वहाँ भगवान के बिम्ब के अभाव में उनका प्रतिबिम्ब बना लिया। मेरे अभाव में मेरे द्वारा जो शुभ क्रिया होती हैं उनका प्रतिबिम्ब यदि बना लें/ वही काम(स्वाध्याय) आप या कोई और करने लगे, तो सूनापन नहीं लगेगा।
चिंतन
One Response
चिंतन में बिम्ब एवं प़तिबिम्ब का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में अच्छे कार्यों के प़तिबिम्ब अपने हृदय में स्थापित करने पर कभी सूनापन नहीं रहेगा।