देवता भक्ति में मनुष्य से आगे हैं,
पर 4 भक्ति मनुष्यों के लिये –
अरहंत, प्रवचन, आचार्य, श्रुत भक्ति, जिनसे तीर्थंकर प्रकृति का बंध भी होता है ।
देवता सिर्फ सराग भक्ति कर सकते हैं, मनुष्य वीतराग और सराग दोनों ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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One Response
यह कथन सत्य है कि देवता भक्ति में मनुष्य से आगे हैं लेकिन चार भक्ति मनुष्यों के लिए, जिसमें अरहंत, प्रवचन, आचार्य,श्रुत भक्ति, जिनमें तीर्थंकर प़कृति का बंध भी होता है। लेकिन देवता सिर्फ सराग भक्ति कर सकते हैं जबकि मनुष्य वीतराग और सराग दोनों कर सकते हैं।1
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यह कथन सत्य है कि देवता भक्ति में मनुष्य से आगे हैं लेकिन चार भक्ति मनुष्यों के लिए, जिसमें अरहंत, प्रवचन, आचार्य,श्रुत भक्ति, जिनमें तीर्थंकर प़कृति का बंध भी होता है। लेकिन देवता सिर्फ सराग भक्ति कर सकते हैं जबकि मनुष्य वीतराग और सराग दोनों कर सकते हैं।1