पता कैसे चले कि भेद-विज्ञान हो गया है ?
पीड़ा में पीड़ित न होकर, जब उसे कर्म फल मानने लगें तो समझो भेद विज्ञान हो गया है।
इसके लिए स्वस्थ अवस्था में/ सुख में अभ्यास करें तब दु:ख में/ समाधिमरण में काम आएगा।
दु:ख सहोगे तो सुख आएगा/ ज्ञान देर तक रहेगा।
मुनि श्री प्रणम्य सागर जी
Share this on...
4 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने भेद विज्ञान को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए भेद विज्ञान पर आस्था रखना परम आवश्यक है।
4 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने भेद विज्ञान को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए भेद विज्ञान पर आस्था रखना परम आवश्यक है।
‘ज्ञान देर तक रहेगा।’ Is sentence ka meaning clarify karenge, please ?
दु:ख के हालात में किए गए अनुभव गहरे होते हैं इसलिए देर तक याद रहते हैं।
Okay.