मंत्र से पत्थर की मूर्ति भगवान बन जाती है, पर मनुष्य ?
मनुष्य मंत्र से नहीं, गुरु की मंत्रणा से मूर्ति रूप भगवान ही नहीं स्वयं साक्षात भगवान बन सकते हैं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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उक्त कथन सत्य है कि सूर्य मंत्र से पत्थर की मूर्ति को भगवान् बनाये जातें हैं लेकिन मनुष्य को मंत्र से नहीं बल्कि गुरु की मंत्रणा से मूर्ति रुप भगवान् ही नहीं बल्कि स्वयं साक्षात बन सकतें हैं।
अतः जीवन में गुरुओं की सहायता से आत्मा को पवित्र बना सकते हैं एवं मोक्ष मार्ग पर अग्रसर हो सकते हैं।
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उक्त कथन सत्य है कि सूर्य मंत्र से पत्थर की मूर्ति को भगवान् बनाये जातें हैं लेकिन मनुष्य को मंत्र से नहीं बल्कि गुरु की मंत्रणा से मूर्ति रुप भगवान् ही नहीं बल्कि स्वयं साक्षात बन सकतें हैं।
अतः जीवन में गुरुओं की सहायता से आत्मा को पवित्र बना सकते हैं एवं मोक्ष मार्ग पर अग्रसर हो सकते हैं।