मंदिर का महत्व
नित्य मंदिर के दर्शन क्यों ?
1. नित्य स्कूल जाते हैं पढ़ने के लिये, मंदिर जाते हैं अपने को गढ़ने के लिये।
2. जैसे प्रियजन को हृदय में रखने के बावजूद उससे रोजाना मिलकर आनंद आता है, ऐसे ही भगवान के दर्शन से।
3. रोज दर्पण में रूप को देखते हैं, भगवान में अपने स्वरूप को।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
4 Responses
‘अपने को गढ़ने के लिये’, me ‘गढ़ने’ ka kya meaning hai, please ?
मनुष्य पर्याय सोना, उससे आभूषण गढ़े जाते हैं। सुन्दरता व मूल्य बढ़ जाता है।
मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने मंन्दिर का महत्व का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः प़तिदिन सुबह मंन्दिर जाकर भगवान में अपने स्वरुप को देखना चाहिए इससे अपने कर्म भी कटते हैं एवं दिल दिमाग हमेशा प़सन्न रहता है!
Okay.