महानता
पुण्यात्मा व्यक्ति की महानता की कसौटी क्या है?
उस पर कष्ट कम आये या ज़्यादा; अंततः उसकी मृत्यु कष्ट से हुई, या शांति से: महानता इस पर निर्भर नहीं करती।
बल्कि इससे तय होती है कि उन कष्टों को उसने कैसे सहा। आकुलता, व्याकुलता से, या सहजता से !
दूसरे, उन कष्टों के लिये उसने अपने को ज़िम्मेदार माना, या दूसरों को !!
चिंतन
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उपरोक्त कथन सत्य है कि पुण्यात्मा व्यक्ति की महानता तय होती है कि उन कष्टों को किस प्रकार सहा, इसके लिए सहजता होना चाहिए। कष्टों का जिम्मेदार स्वयं मानना चाहिए,न कि दूसरों को। महान वही होता है,जो अपने सुख दुःख को सहजता से स्वीकार कर ले।